Gar Kwhaiyishein Turag Hotin गर ख्]वाईशें तुरग होतीं (हिंदी संस्करण) ( - Anna Erishkigal - Books - Seraphim Press - 9781943036684 - July 29, 2018
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Gar Kwhaiyishein Turag Hotin गर ख्]वाईशें तुरग होतीं (हिंदी संस्करण) (

Anna Erishkigal

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Gar Kwhaiyishein Turag Hotin गर ख्]वाईशें तुरग होतीं (हिंदी संस्करण) (

बलिवेदी पर फैंकी हà¥à¤ˆ और खानाबदोश, रोज़ी ज़ालबेडोरा ने आसà¥]टà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ के आंतरिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के सीमा में गवरà¥à¤¨à¤¸ की नौकरी ले ली। वहाठउसकी मà¥à¤²à¤¾à¤•ात पीपा बà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥]टोह नामक à¤à¤• भावà¥à¤• बचà¥]ची से हà¥à¤ˆ जो अपने माता-पिता के कटॠअलगाव का सामना परियों की रानी और à¤à¤• सींग वाले जानवर के जादà¥à¤ˆ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में पलायन कर करती था।

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पीपा को उसके थका देने वाली पढ़ाई-लिखाई में पकड़ जमाने के नियत काम के लिठरोज़ी की नियà¥à¤•à¥]ती की गई और इस तरह वह पीपा के पिता, à¤à¤¡à¤® à¤à¤µà¤‚ तेल खादानों की उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•ारिणी,उनकी सà¥]वारà¥à¤¥à¥€ पतà¥]नी ईवा, के बीच चल रही निगरानी के विवाद में à¤à¤• मोहरा बन कर रह गई। जैसे-जैसे उनके बीच का तनाव बढ़ता गया और रोज़ी, बà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥]टोह परिवार के सेंकड़ों भेद की जानकार बनती गई, वैसे-वैसे उसे अपने भयाभय अतीत का भी सामना करना पड़ा। इसी दौरान उसे अपने सà¥à¤°à¥‚प à¤à¤µà¤‚ अपà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥]य भावना वाले नियोकà¥]ता के लिठबढ़ते आकरà¥à¤·à¤£ का भी संघरà¥à¤· करना पङेगा। किनà¥]तॠउसे मदद à¤à¤• विचितà¥à¤° वयसà¥]क पड़ोसी, मितà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤£ शहर और हर रात उसके सपनों में आते हà¥à¤ à¤à¤• घà¥à¤¡à¤¼à¤¸à¤µà¤¾à¤° की छाया के रूप में मिली।

Media Books     Paperback Book   (Book with soft cover and glued back)
Released July 29, 2018
ISBN13 9781943036684
Publishers Seraphim Press
Pages 210
Dimensions 133 × 203 × 11 mm   ·   222 g
Language Hindi  

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